कुछ तो हक़ बनता है तेरे रेत पे ए किनारा, वो लहर हूँ मैं जो समंदर छोड़ आया हूँ। कुछ तो हक़ बनता है तेरे रेत पे ए किनारा, वो लहर हूँ मैं जो समंदर छोड़ आया हूँ।
जनादेश को सर चढ़ाकर,परिवर्तन की मशाल जलाकर, वंशवाद को खतम करके रुख बदलने आया हूँ । जनादेश को सर चढ़ाकर,परिवर्तन की मशाल जलाकर, वंशवाद को खतम करके रुख बदलने आया ...
मैं औरत हूं, बहन हूँ ,बेटी हूं, मां हूं,अभिमान हूं, अभिशाप नहीं। सिर्फ रोटियां सेंक मैं औरत हूं, बहन हूँ ,बेटी हूं, मां हूं,अभिमान हूं, अभिशाप नहीं। सिर...
जब भी कोई दुष्कर्म करे तो मुझको ग़लत बताते हो, क्या सिर्फ लिबास ही दिखता है, मां, बहन जब भी कोई दुष्कर्म करे तो मुझको ग़लत बताते हो, क्या सिर्फ लिबास ही दिखता है...
काले काले मेघा तू ऐसे कैसे बरसा तन तो मेरा भीग गया मन अभी भी प्यासा, काले काले मेघा तू ऐसे कैसे बरसा तन तो मेरा भीग गया मन अभी भी प्यासा,
पूर्ण कर अरमान, नूतन साल आया। जाग रे इंसान, नूतन साल आया। ख़ुशबुओं से तर हुईं बहती पूर्ण कर अरमान, नूतन साल आया। जाग रे इंसान, नूतन साल आया। ख़ुशबुओं से ...